औद्योगिक क्रांति की नई कहानी लिख रहा है मध्यप्रदेश:गोविंद सिंह राजपूत

भोपाल

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में दो दिन पूर्व संपन्न दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) न केवल मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति ने इस समिट को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया।

मध्यप्रदेश अब औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए "लोकल से ग्लोबल" दृष्टिकोण को अपनाया गया है। इस रणनीति के तहत रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और रोड शो जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से निवेशकों और उद्योगपतियों को आकर्षित करने के ठोस प्रयास किए गए हैं। यह पहल न केवल राज्य की आर्थिक समृद्धि को गति दे रही हैं, बल्कि स्थानीय उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान भी दिला रही हैं।

 औद्योगिक विकास की नींव तब मजबूत होती है जब स्थानीय उद्योगों को आवश्यक संसाधन, तकनीकी सहायता और निवेश का अवसर मिलता है। इसी सोच के साथ मध्यप्रदेश सरकार ने बीते कुछ महीनों में संभाग स्तर पर 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए, जिनका उद्देश्य स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों को निवेशकों और बड़े उद्योगपतियों से जोड़ना था। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के कारण

स्थानीय उद्योगों को राष्ट्रीय पहचान मिली। छोटे और मध्यम उद्यमों को बड़े व्यापारिक नेटवर्क से जोड़ा गया। इससे निवेशकों ने मध्यप्रदेश में उद्योग स्थापित करने की रुचि दिखाई। इसके साथ ही उद्योगों को और अधिक अनुकूल माहौल देने के लिए आवश्यक बदलावों पर विचार किया गया। बढ़ते उद्योगों के कारण युवाओं के लिए नए रोजगार सृजित हुए। इन कॉन्क्लेव्स के माध्यम से एमएसएमई सेक्टर को विशेष बढ़ावा मिला, जिससे छोटे और मझोले उद्योगों को नई उड़ान मिली। प्रदेशभर में रिजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के सफल आयोजन ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया और मध्यप्रदेश को निवेश के लिए एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित किया। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और रोड शो जैसे आयोजनों के माध्यम से मध्यप्रदेश सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह न केवल स्थानीय उद्योगों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि वैश्विक निवेश को भी आकर्षित करना चाहती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य तेजी से औद्योगिक प्रगति की ओर बढ़ रहा है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, आधारभूत संरचना मजबूत होगी और प्रदेश की आर्थिक स्थिति और अधिक सुदृढ़ होगी।

औद्योगिक क्रांति के इस नए दौर में, मध्यप्रदेश सिर्फ निवेशकों के लिए एक संभावनाओं से भरा प्रदेश नहीं, बल्कि एक ऐसा हब बन गया है जहां उद्योग, व्यापार और नवाचार एक साथ विकसित हो रहे हैं। आने वाले वर्षों में इन प्रयासों का प्रभाव और अधिक स्पष्ट होगा, जिससे प्रदेश न केवल आत्मनिर्भर भारत अभियान में योगदान देगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा। राजधानी में आयोजित ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के आयोजन पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और उनके मंत्रिमण्डल सहयोगी तथा अफसरों के टीमवर्क की हौसला अफजाई करते हुए देश के गृहमंत्री अमित शाह  ने इस अवसर पर कहा कि यह आयोजन देश को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री ने "विकास की नई उड़ान" थीम पर जोर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश भारत के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य का अहम स्तंभ बनेगा।  नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि  आज जब दुनिया भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है, तब मध्यप्रदेश जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक निवेशकों को आकर्षित कर रही है।  

प्रधानमंत्री ने पांच प्रमुख बिंदुओं पर बल दिया, जो  निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित कर रही हैं।। उन्होंने कहा कि यहां पिछले 10 वर्षों में 5 लाख किलोमीटर से अधिक सड़कें बनीं।  100% रेलवे विद्युतीकरण  का कार्य पूरा हुआ। राज्य में नए लॉजिस्टिक्स हब और औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।  रीवा और ओंकारेश्वर सोलर प्रोजेक्ट्स से मध्यप्रदेश भारत की ग्रीन एनर्जी कैपिटल बन रहा है।  मध्यप्रदेश में 31,000 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है, जिसमें 30% नवीकरणीय ऊर्जा शामिल है।  मध्यप्रदेश को देश का "फूड प्रोसेसिंग हब बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।  

मिलेट्स (अन्न) और जैविक कृषि के क्षेत्र में नई संभावनाएं दिखाई दे रही है। मध्यप्रदेश में ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फार्मा सेक्टर में रिकॉर्ड निवेश  आ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीथमपुर को भारत का "डिफेंस और ऑटोमोबाइल हब" बनाने की योजना है। ओंकारेश्वर, उज्जैन महाकाल लोक और सांची जैसे धरोहर स्थल वैश्विक आकर्षण के केंद्र बन रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन और " हील इन इंडिया "अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में मध्यप्रदेश की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों की प्रशंसा की और निवेशकों को प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।  

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने  कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर को पार करेगी और मध्यप्रदेश इसमें अहम योगदान देगा ।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि  प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अब "विरासत भी, विकास भी" की नीति के साथ आगे बढ़ रहा है । केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उपयोगी नीतियाँ अपनाई गई हैं। लॉजिस्टिक्स हब, एक्सप्रेसवे और औद्योगिक गलियारों का तेजी से विकास हो रहा है।टेक्सटाइल, फार्मा,ऑटोमोबाइल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस समिट की सफलता को राज्य के लिए ऐतिहासिक बताया है उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 30.77 लाख करोड़ से अधिकांश के निवेश प्रस्ताव मिले हैं  जिससे प्रदेश में लाखों नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है जिसमें नवाचार, तकनीक और निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने भोपाल में एक नए इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बनाने की भी घोषणा की, जिससे भविष्य में ऐसे बड़े आयोजनों को और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके।    

मध्यप्रदेश को "कॉटन कैपिटल ऑफ इंडिया" का दर्जा मिला है । चंदेरी और माहेश्वरी साड़ियों" को जीआई टैग मिला है, जिससे इनके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

महाकाल लोक और रामराजा लोक जैसे धार्मिक पर्यटन केंद्रों को विकसित किया गया है।

राष्ट्रीय उद्यानों और टाइगर रिजर्वों को इको-टूरिज्म से जोड़ा गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर में नए टेक्नोलॉजी पार्क विकसित किए जा रहे हैं। राज्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), बायोटेक और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। इससे राज्य की युवा प्रतिभाओं का पलायन रुकेगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का बड़ा हिस्सा मध्यप्रदेश से गुजर रहा है, जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा।देवास, पीथमपुर और रतलाम में हजारों एकड़ में नए औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि  मध्यप्रदेश भारत के औद्योगिक भविष्य की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश को "विकास के लिए आदर्श डेस्टिनेशन" बताया, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे भारत का अगला प्रमुख औद्योगिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर बताया।  

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में स्थायी सरकार, मजबूत अधोसंरचना और निवेश अनुकूल नीतियाँ मध्यप्रदेश को उद्योगों और व्यापार का हॉटस्पॉट बना रही हैं। आने वाले वर्षों में, यह राज्य भारत की औद्योगिक क्रांति का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।

 

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button